दंगा किसने भडकाया -
धर्म के ठेकेदारों ने ,
भगदड़ किसने मचवाई -
धर्म के ठेदारों ने ,
गोली किसने चलवाई -
धर्म के ठेकेदारों ने ,
नारी पर जुल्म किसने करवाया -
धर्म के ठेकेदारों ने ,
कोई भी गलत काम हो , नाम आता -
धर्म के ठेकेदारों ने ।
कौन हैं ?
वो साले..... धर्म के ठेकेदार ,
बताओ मुझे...
मैं करता हूँ उसका बंटा धार ।
बोलते क्यों नहीं ?
बताओ मुझे नाम उनके ,
तुम क्या बोलोगे ?
मैं बताता हूँ नाम उनके ।
मैं वितरागी हूँ...
जो ना दीखता ,
धर्म का ठेकेदार ।
तू है.....
जो हरपल लिखता ,
धर्म का ठेकेदार ।
ये भी है....
जो पढ़ता ,
धर्म का ठेकेदार ।
वो भी है.....
जो न लिखता न पढ़ता ,
धर्म का ठेकेदार ।।
अब क्या हुआ तुझे ?
गाली भी दे रहा होगा मुझे ,
क्यों बोलती बंद हुई ?
कौन सा धर्म.....?
किसने बनाया धर्म.....?
किसने बनाये धर्म के ठेकेदार...?
आदत है मेरी / तेरी / हमारी.....
दूसरो पर उंगली उठाने की ,
पर चार तो रहती तरफ हमारी ।
फिर क्यों हम....?
एक की मानता जो नही हमारी ,
ताकती रहती बाते बेगानी ।।
नाम तो मैने बता दिए ,
मैं हूँ धर्म का ठेकेदार....
तू है धर्म का ठेकेदार.....
हम सब हैं धर्म के ठेकेदार...।
फिर करता क्यों नही अब कुछ ?
कोई दूसरा होता तो जरुर करता तू ।।
सम्भल जा ए इंसान....
क्यों करता किसी को बदनाम ?
क्यों करता गलत काम ?
धर्म के ठेकेदार है हमारा ही नाम ?
क्यों किसी पर उंगली उठाता बेकार ?
क्यों दुसरो की जिन्दगी करता बेसार ?
// मैं वितरागी //*******************
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