गरीबी हटाओ.....
गरीबी हटाओ.....
सुना मैने...... ,
हम गरीबी हटाएंगे ।
खाने को मुफ्त बाटेंगे ,
रहने को प्लाट काटेंगे ।।
फिर मैं वितरागी ,
क्यों करूं काम ?
जब मुफ्त की रोटी ,
खाने को मिले ।
क्यों न करूं आराम ?
जब मुफ्त में छत ,
सोने को मिले ।।
मुफ्त की आदत ,
होती बड़ी खराब ।
रोटी मिलेगी गर मुफ्त में ,
तो पीने को चाहिए शराब ।।
मुफ्त की आदत से ,
आफत और बढ़ेगी ।
गरीब मिटेगा ,
पर गरीबी नही हटेगी ।।
न मैं भिखारी ,
न मैं फकीर ,
क्यों लूँ मुफ्त का खाना ?
क्यों लूँ मुफ्त का बिछौना ?
गर मरूँगा भूखा ,
तो मेहनत से करूँगा काम ।
चाहे मिले कम दाम ,
फिर भी न करूं आराम ।।
मैं वीतरागी करूं अर्जी ,
हटानी गर गरीबी ,
करने को दो मुझे काम ,
सच्चे भी दो मुझे दाम ।।
ए भले इंसान ,
करने दे मुझे काम ।
इज्जत की सुखी रोटी खाने दे ,
सपनों की मीठी नींद सोने दे ।।
गर हटानी गरीबी ,
तो मुझे शिक्षण दे ।
काम का मुझे ,
तू प्रशिक्षण दे ।।
// मैं वितरागी //*************
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